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कविता संग्रह

बदयिणी पहाड़ - बदलता पहाड़

दीपक पंत

हमौर_पहाड़_भौते_बदयी_ग्यो ।।

 

आमा बूबूक काखि में बैठी भेर 

घुघुती बासूती खेलणी वाल पहाड़ , 

आज टायर वाली गाड़ी वाल है ग्यो ।।

 

हमौर पहाड़ भौते बदयी ग्यो ।।

 

सार गौंक स्वार बिरदारनक कुशल बात एकै फ़ोन बठे सुनणी बणीक पहाड़ ,

आज घर घर में वीडियो कॉल वाल बडी ग्यो ।। 

 

हमौर पहाड़ भौते बदयी ग्यो ।।

बदयिणी पहाड़ - बदलता पहाड़.png

हिन्द का आधार हिंदी

दीपक पंत

हिन्द का आधार हिंदी

सहज सुलभ साकार हिंदी भ्रातत्व का भाव हिंदी

मातृत्व का प्यार हिंदी

 

गुरु आशीष आभार हिंदी धरती और आकाश हिंदी

चित परिचित धरा से लेकर अपरिचित से परिचय हिंदी

हिन्द का आधार हिंदी.png

© 2023 by Deepak & Himanshu Pant.

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