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महिलाएं एवं उनकी अनकही शक्तियां
एक अरसे से महिलाओं पर शोध करना चाहता हूं मैं,
कहा से इतनी शक्ति आ जाती है, जानना चाहता हूं मैं।
किसी के बच्चे, पति, सास ससुर करते हैं परेशान,
किसी का जल जंगल जमीन में बीत जाता है जीवन,
कोई सुबह के खाने से शाम के खाने तक व्यस्त है,
कोई बीमारी के बोझ के बाद भी काम करने में मस्त है।
मैं जानना चाहता हूं कि आखिर क्या सोच कर भगवान ने इन्हें बनाया है,
आखिर क्यों भगवान ने इन्हें ही सब मोह माया का पुतला बनाया है,
आखिर क्यों इतनी मुसीबतों के बावजूद ये टूटती नहीं हैं,
आखिर क्यों लाचारी, बीमारी, मुसीबत इनके चेहरे पर फूटती नहीं है।
मैं मानता हूं कि कुछ कुछ अपवाद यहां पर भी मौजूद हैं।
लेकिन जानता हूं कि उसके बाद भी बहुत सी महिलाएं भगवान स्वरूप हैं।
चाहे कोई मां हो, बहन हो बेटी हो या फिर घर की बहू हो,
हर एक महिला पूजनीय है, सम्माननीय है।।
हिमांशु पंत
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