top of page
  • Twitter
  • Facebook

Experience the magic of words with Our words...

कविता संग्रह

कविता के उस कोने में आपका स्वागत है, जहां शब्द दिल को छूते हैं

महाकाली चामुन्डा देवियेभ्यो नमः

महाकाली चामुन्डा देवियेभ्यो नमः

दीपक पंत

टूटी हुई आस को

घबराई हुई स्वास को

तार तार विश्वास को

थके हारे , निराश को

क्या चाहिए ??

तू चाहिए

तेरा सहारा , तेरा आसरा चाहिए ।।

महिलाएं और उनकी अनकही शक्तियां.jpg

महिलाएं एवं उनकी अनकही शक्तियां

हिमांशु पंत

एक अरसे से महिलाओं पर शोध करना चाहता हूं मैं,

कहा से इतनी शक्ति आ जाती है, जानना चाहता हूं मैं।

 

किसी के बच्चे, पति, सास ससुर करते हैं परेशान,

किसी का जल जंगल जमीन में बीत जाता है जीवन,

कोई सुबह के खाने से शाम के खाने तक व्यस्त है,

कोई बीमारी के बोझ के बाद भी काम करने में मस्त है।

आज शुक्रगुज़ार हुआ जाए

आज शुक्रगुज़ार हुआ जाए

दीपक पंत

आज शुक्रगुजार हुआ जाए

आज बलिहार हुआ जाए

जो साथ चले उसे घर तक छोड़ा जाए

जो पलट जाए उसे लौटाया जाए

जो फिर भी ना पलटे

उसका इंतजार आखिरी बार किया जाए

चलिए आज कुछ पल अकेले बैठा जाए

कैसी कटी अब तक, संज्ञान लिया जाए।

Address

Chodhiyar, Gangolihat, Pithoragarh, 262522

Uttarakhand

Phone

Email

Connect

  • Facebook
  • Instagram
  • Twitter
  • Linkedin

© 2023 by Deepak & Himanshu Pant.

bottom of page